Tutopia Learning App To Flag Off Durga Puja Festivities With 685-km Kolkata-Gangtok Chase

Tutopia Learning App To Flag Off Durga Puja Festivities With 685-km Kolkata-Gangtok Chase

टुटोपिया लर्निंग ऐप ने दुर्गापूजा उत्सव के मौके पर “कोलकाता – गंगटोक चेस” के 685 किलोमीटर की दौड़ को दिखायी हरी झंडी

लक्ष्य को हांसिल करने के लिए उत्साह का अविश्वसनीय प्रदर्शन

16 सितंबर 2021, कोलकाता: टुटोपिया लर्निंग ऐप की एक और यादगार पहल, जिसमें दिन और रात नॉनस्टॉप 685 किलोमीटर “कोलकाता गंगटोक चेज़” (K2G) नामक नॉनस्टॉप रिले दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। देश भर के 11 उत्साही और अनुभवी युवा धावक के2जी का हिस्सा बनने के लिए एक साथ आए हैं, जो लगभग 60 घंटे की लंबी दूरी तय करते हुए अपने लक्ष्य को हांसिल करने का प्रयत्न करेंगे।

K2G दौड़, जो अबतक की अपनी तरह की पहली और अनोखी प्रतियोगिता है। इसे आधिकारिक तौर पर श्री अरुण कुमार सिंह ने 16 सितंबर 2021, गुरुवार को हरी झंडी दिखाकर कोलकाता से गंगटोक के लिए रवाना किया। जिसके बाद इसमें शामिल होनेवाले 11 धावक कोलकाता से कृष्णानगर, बहरामपुर होते हुए मालदा के रास्ते रायगंज, इस्लामपुर, सिलीगुड़ी और फिर गंगटोक में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर अपनी यात्रा को समाप्त करेंगे।

इस मौके पर श्री सुब्रत रॉय (निदेशक, टुटोपिया लर्निंग ऐप) ने कहा: कोरोना काल में इस आयोजन के पीछे हमारा मूल मकशद लोगों एवं उनके बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, उनके फिटनेस, जन शिक्षा और अपने लक्ष्य को पूरा करने की भावना को बढ़ावा देना है, क्योंकि कोरोना के समय स्वस्थ और फिट रहना ही जीवन की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

इस कार्यक्रम में शामिल होनेवाले सम्मानीय अतिथियों में सोहम चक्रवर्ती, गौरव चटर्जी, देवलीना कुमार, अनिंद्य चटर्जी, सोहम मजुमदार और अंकिता चक्रवर्ती प्रमुख थे।

श्री अनुराग चिरिमार (निदेशक, टुटोपिया लर्निंग ऐप) ने कहा: इस आयोजन में भाग लेनेवाला प्रत्येक धावक औसतन 62 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। इस आयोजन के फैसले के बाद शुरूआती क्षण में कई लोगों ने सोचा कि इस तरह की रिले दौड़ को आयोजित करने का विचार पूरी तरह से पागलपन है।

  

बाद में उन्हें लगा कि यह ‘उज्ज्वल भावना का पागलपन’ है, क्योंकि इस तरह की दौड़ को आयोजित करने के लिए वृहद आकार में लॉजिस्टिक सपोर्ट का गठन कोई आसान काम नहीं था, अंतत: टुटोपिया लर्निंग ऐप की दृढ़ता के साथ सावधानीपूर्वक इस योजना को फाइनल रूप दिया गया। जिसके बाद गुरुवार 16 सितंबर को इस योजना को सफलता के शिखर तक पहुंचाने के लिए हरी झंडी दिखाई गयी।